मानो भूचाल आ गया. महाराष्ट्र में मिलावटखोरों पर सरकार ने क़ानून का शिकंजा कसने की कवायद तूफानी ढंग से शुरू कर दी. शायद एक बलि का इंतज़ार था....पूरा हो गया. देश भर में तीखी प्रतिक्रियाएं हुईं और लेखकों.कानूनविदों,बुद्धजीवियों ने मानो अनेकानेक विचार हवा में उछाल दिए. ठीक है...अब हो सकता है कि कुछ माह तक किसी सरकारी अफसर की हत्या नहीं होगी. कुछ माह तक हत्यारे टाइप के लोग सर झुका कर क़ानून से बचते रहेंगे और फिर बिना ज्यादा समय गंवाए बगूले की तरह पुनः उभरेंगे, छाती चौड़ी कर विद्युत् विभाग के इंजीनियर या तेल कंपनी के अधिकारी जैसे कर्तव्यनिष्ठ लोगों को ढूंढेंगे. फिर सरकार चेतेगी और शिकंजा कसेगी.....दोस्तों! दिल थामिए...अगला कौन..?
खूब जमेगी... बहुत बढ़िया... लेकिन होगा कुछ भी नहीं... नूराकुश्ती सी ही है.. कृपया सेटिंग्स में जाकर वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें..
ReplyDeleteSo great
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